यदि आप अंबेडकर के विचारों से ना-नुकुर कर रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि आप जातिवादी है

भारत के दमित, दलित, कुचले लोगों के लिए आस अंबेडकर ही हैं। भारत में गाँव के लोगों को, चाहे वे दलित हों या सवर्ण, उन्हें मार्क्स का नाम नहीं मालूम होता। उत्तर भारत, खासकर यूपी-बिहार में तो नहीं ही। लेकिन वे अंबेडकर का नाम बख़ूबी जानते हैं। सवर्णों में इस नाम को लेकर चिढ़ भी […]

Continue Reading