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भारत में चीता रिटर्न्स : आखिर नामीबिया से लाये चीतों को क्यों मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क के ही रखा गया जानिए वजह :

1948 के बाद भारत में आज पहली बार दिखा चीता , हमारे देश से कैसे विलुप्त हुआ और फिर से  कीस प्रकार इस अकर्षक जानवर के प्रजाति का होगा विकास ?

साल 2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस साइटों का सर्वेक्षण किया गया. बाद में यह पाया गया कि कूनो ही चचीतों के लिए सबसे सही और सुरक्षित जगह है एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कूनो नेशनल पार्क में 21 चीतों के रहने की जगह है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रिलीज कर दिया. अब 748 वर्ग किलोमीटर में फैला कूनो  पालपुर नेशनल पार्क 8 अफ्रीकी चीतों का नया घर बन जाएगा. यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल जंगलों से मिलता जुलता है. बता दें कि कोरिया में लगभगसाल पहले मूल एशियाई चीते को आखिरी बार देखा गया था.

दरअसल, इन जंगली जानवरों को लाने से पहले भारत के कई इलाकों पर विचार किया जा रहा था कि इन्हें कहां रखा जाए? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऊंचाई वाले स्थानों, तटीय और पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़कर, भारत का मैदानी इलाका चीतों के रहने के लिए सही माना जाता है.  –

2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस साइट्स का सर्वेक्षण किया गया. बाद में यह पाया गया कि मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बना कूनो राष्ट्रीय उद्यान ही चीतों के लिए सबसे सही और सुरक्षित जगह है.

यह भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (WTI) की ओर से जलवायु चर, शिकार घनत्व, प्रतिस्पर्धी शिकारियों की आबादी और ऐतिहासिक सीमा के आधार पर किए गए आकलन के आधार पर चीतों के लिए सबसे सही स्थान माना गया.

– चीता यूं तो खूंखार जानवर है. लेकिन माना जाता है कि चीते मनुष्य को कम ही नुकसान पहुंचाते हैं. मनुष्य और बड़े पशुओं पर बहुत ही कम हमला करते हैं.  वे छोटे जानवरों का शिकार करना ज्यादा पसंद करते हैं.

– बता दें कि चीता धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है. कूनो नेशनल पार्क में कोई इंसानी बस्ती या गांव नहीं है और न ही खेती-बाड़ी. चीतों के लिए  शिकार करने लायक बहुत कुछ है. यानी चीता जमीन पर हो या पहाड़ी पर, घास में हो या फिर पेड़ पर, उसे खाने की कमी किसी भी हालत में नहीं होगी l

– कूनो नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा चीतल मिलते हैं, जिनका शिकार करना चीतों को पसंद आएगा. चीतल, हिरण की प्रजाति चीता चीता, बाघ और शेरों के लिए बेस्ट प्रे बेस माना जाता है.

– कूनो नेशनल पार्क में पहले करीब 24 गांव थे, जिन्हें समय रहते दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया. इन्हें कूनो नेशनल पार्क के 748 वर्ग किलोमीटर के पूर्ण संरक्षित इलाके से बाहार भेज दिया गया l

– एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कूनो नेशनल पार्क में 21 चीतों के रहने की जगह है. अगर 3,200 वर्ग किलोमीटर में सही मैनेजमेंट किया जाए तो यहां पर 36 चीते रह सकते हैं l और पुरे आनंद के साथ शिकार कर सकते हैं .

– कूनो पार्क में चीता के साथ-साथ बाघ, शेर और तेंदुए के लिए भी रहने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है. इस जंगल में तेंदुओं की आबादी काफी है. यहां प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में 9 तेंदुएं पाए जाते हैं .

– चीता भले ही सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है, लेकिन तेंदुए की तुलना में चीता कमजोर होता है. तेंदुआ चीते से ज्यादा ताकतवर माना जाता है. कभी-कभी तेंदुए चीतों पर हमला भी कर देते है l इसलिए इस बात का ख़ास ध्यान रखा गया है .

 

 

 

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