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NEET Result 2022 : तनिष्का यादव को ही क्यों मिला AIR-1 जबकि 4 स्टूडेंट्स के थे समान नम्बर

NEET 2022 Result: 4 स्टूडेंट्स को समान नंबर, तनिष्का को ही क्यों मिला AIR 1?

एनटीए ने राजस्थान से तनिष्का को NEET UG Exam में पहला स्थान देने के लिए अपनी नई टाई-ब्रेकर पॉलिसी को लागू किया.
नीट-यूजी एग्जाम 2022 के रिजल्ट का ऐलान हो चुका है. इस साल चार उम्मीदवार 99.9997733 के सटीक पर्सेंटाइल स्कोर के साथ टॉप स्थान पर रहे. हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने उन्हें संयुक्त रूप से पहली रैंक नहीं दी. इसके बजाय, एनटीए ने राजस्थान से तनिष्का को नीट-यूजी एग्जाम में पहला स्थान देने के लिए अपनी नई टाई-ब्रेकर पॉलिसी को लागू किया. नई टाई-ब्रेकर पॉलिसी के तहत तनिष्का के बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा, तीसरे नंबर हृषिकेश नागभूषण गंगुले और चौथे स्थान पर रहीं कर्नाटक की रुचा पावाशे.

अब ऐसे में सवाल उठता है कि नई टाई-ब्रेकर पॉलिसी क्या है, जिसके तहत एनटीए ने ये सुनिश्चित किया कि सभी चार उम्मीदवारों को एक समान रैंकिंग नहीं दी जाए? इस साल, छह नए फैक्टर्स और तीन पुराने फैक्टर्स रहें, जिसके जरिए समान नंबर लाने वालों को रैंकिंग दी गई. पिछले साल सिर्फ तीन फैक्टर्स के आधार पर रैंकिंग दी गई थी. एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, ‘काउंसलिंग के लिए ये जरूरी है कि हर उम्मीदवारों को अपनी खुद की रैंक मिले. इस वजह से हमने अपने टाई-ब्रेकर नियम में बदलाव किया. इस तरह से इस साल किसी भी उम्मीदवार को एक जैसी रैंकिंग नहीं मिली है.’

पिछले साल तक, दो उम्मीदवारों के बीच रैंकिंग टाई होने से बचाने के लिए NTA ने वरीयता के क्रम में निम्नलिखित तीन फॉर्मूला का इस्तेमाल किया:

1. एग्जाम में बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी) में हायर मार्क्स/पर्सेंटाइल स्कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार

2. एग्जाम में केमेस्ट्री में हायर मार्क्स/पर्सेंटाइल स्कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार

3. एग्जाम में सभी सब्जेक्ट्स में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार

इस नए फॉर्मूले का हुआ इस्तेमाल

2021 में ऊपर बताए गए फॉर्मूला का इस्तेमाल होने के बावजूद टॉप तीन उम्मीदवारों के एक समान नंबर आए और उन्हें पहली रैंक दी गई. तेलंगाना की मृणाल कुटेरी, दिल्ली की तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र की कार्तिका नायर ने 99.9998057 पर्सेंटाइल हासिल किया था. एनटीए अधिकारी ने कहा, ‘ज्वाइंट रैंक होल्डर्स का होना एक आदर्श स्थिति नहीं है. खासकर मेडिकल कॉलेजों के लिए जहां सीटें सीमित होती हैं.’ यही वजह रही कि एनटीए ने रैंकिंग के लिए नीचे बताए गए नौ फैक्टर्स का इस्तेमाल किया.

1. बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी) में हायर मार्क्स/पर्सेंटाइल स्कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार

2. केमेस्ट्री में हायर मार्क्स/पर्सेंटाइल स्कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार

3. फिजिक्स में हायर मार्क्स/पर्सेंटाइल स्कोर हासिल करने वाले उम्मीदवार

4. सभी सब्जेक्ट्स में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या के कम अनुपात वाले उम्मीदवार

5. बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी) में सही उत्तर के मुकाबले कम गलत उत्तर के अनुपात वाला उम्मीदवार

6. केमेस्ट्री में सही उत्तरों के गलत उत्तरों के न्यूनतम अनुपात वाले उम्मीदवार

7. फिजिक्स में कम प्रतिशत में गलत उत्तरों और सही उत्तरों का अटैम्पट करने वाले उम्मीदवार

8. उम्मीदवार की अधिक उम्र

9. नीट एप्लिकेशन नंबर आरोही क्रम में

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